रामेश्वर कारपेंटर
आगर-मालवा। मध्य्रपदेश का आगर जिला पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। प्रकृति ने इस जिले को पूरे मन से प्राकृतिक खूबसूरतियां प्रदान की है। अनेक हरी-भरी पहाडिय़ा सहित कई झीले, अनेक शिवालय, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल, पुरातत्व विभाग की अमूल्य धरोहर सारी विशेषताएं है आगर जिले में।
विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी नलखेड़ा जो मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किया चुका है। दर्शनीय स्थल है। यहां देश-विदेेश से पर्यटक आते रहते हैं। इसके साथ ही बाबा बैजनाथ महादेव आगर, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर मोरूखेड़ी सुसनेर जिन्हें सिंहस्थ 2016 में मध्यप्रदेश के पर्यटन मेगा सर्किट में सम्मिलित किया जाकर कुछ विकास कार्य भी यहां हुए है। इसके अतिरिक्त मोतीसागर झील आगर-मालवा जो भोपाल के बाद प्रदेश की सबसे बड़ी और खूबसूरत झील, मां तुलजा भवानी गुफा बर्डा आगर, पंचदेहरिया महादेव मंदिर मैना सुसेनर, वाराही माता मंदिर ग्राम बराई सोयत, त्रिवेणी संगम ताखला (मोड़ी), पिपल्याखेड़ा बालाजी सोयत, मां हरसिद्धि मंदिर विजयानगरी, गुप्तेश्वर मंदिर बनोठीकला बड़ौद, सोमेश्वर महादेव मंदिर सुनारिया गुंदीकला, 1100 शिवलिंगों वाला एक मात्र शिवलिंग गोंदलमऊ नलखेड़ा, मां चामुंडा बड़ागांव आदि धार्मिक स्थलों के साथ ही ऐतिहासिक धरोहर किला अमरकोट (सुसनेर), प्राचीन दुर्लभ मूर्तियां लोहारिया सोयत सहित चिल्लर डैम बाड़ीमाता मंदिर पचेटी आदि अनेक ऐसे स्थान है, जिन्हें पर्यटन के रूप में विकसित किया जाकर जिले को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है। यद्यपि स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों द्वारा इस हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दिसंबर 2017 में सेवानिवृत्त शिक्षक रामेश्वर कारपेंटर ने चार दिवसीय पर्यटन परिपथ यात्रा तत्कालीन कलेक्टर श्री दुर्गविजयसिंह से अनुमति लेकर निकाली थी। जिसमें जिले के 60 महत्वपूर्ण धार्मिक ऐतिहासिक पुरातत्विक स्थानों के बारे में शासन को अवगत कराया गया था। अब जरूरत है जिले के जवाबदार जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों की, जिन्हें मिलकर इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने का संकल्प लेना होगा।
पर्यटन विकास की अपार संभावना जिला आगर-मालवा में...